Gustaakh Dil

I really liked this song, गुस्ताख दिल (Gustaakh dil) from the movie English Vinglish. Lyrics by Swanand Kirkire are deep and meaningful as usual!

I was looking for the lyrics on the web, and none of the sites seemed to have got it totally right. Shantanu and I listened to it a bunch of times and think we have got it all right, here.

गुस्ताख दिल
दिल में मुश्किल
मुश्किल में दिल
(मुश्किल में दिल)

गुस्ताख दिल
थोडा संगदिल
थोडा बुज़दिल

दर्द के दर पे
ठहरा है क्यों?
सज़ाएँ सज़ाएँ
ये खुद को क्यों देता नई?

हँसने की धुन में
रोता है क्यों?
सही क्या गलत क्या
कुछ भी ये समझता नहीं

गुस्ताख दिल
दिल में मुश्किल
मुश्किल में दिल
(मुश्किल में दिल)

है बर्फ सी साँसों में
आँखों में धुंआ धुंआ
ये हर पल क्यों खेले है
ग़म का ख़ुशी का जुआं जुआं

ये उम्मीदों भरा
ये खुद से ही डरा
सुलझे धागों में उलझा है क्यों?
सलाहें सलाहें
ये खुद की भी सुनता नहीं

गुस्ताख दिल
दिल में मुश्किल
मुश्किल में दिल
(मुश्किल में दिल)

क्यों बातों ही बातों में
फिसलती है जुबां जुबां
किसी शेह न ठेहेरती है
बेहेक्ति है निगाह निगाह

ये कैसे कब हुआ,
ये कहदो क्यों हुआ
गिरता नहीं तो संभालता है क्यों?
झुकाए झुकाए मग़रूर झुकता नहीं

गुस्ताख दिल
दिल में मुश्किल
मुश्किल में दिल
(मुश्किल में दिल)

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